गगन जी का टीला इतिहास हिंदी में
Prachin Shiv Mandir Gagan Ji Ka Tilla History in Hindi
प्राचीन शिव मंदिर Gagan Ji Ka Tilla पंजाब में जिला होशियारपुर शहर दसुया से कुछ ही दूरी पर गांव सहोड़ा में है। असल में एक बहुत ऊँची पहाड़ी है और इस पहाड़ी को Gagan Ji Ka Tilla कहते है और इस पहाड़ी पर एक प्राचीन शिव मंदिर है। चारों तरफ हरे भरे पेड़ पौधे और वनस्पतियां इसकी शोभा को और बढ़ाती है। इस प्राचीन शिव मंदिर की 762 सीढियाँ है। हर साल शिवरात्रि को चार पहर की पूजा होती है और उसके अगले दिन भंडारा होता है।
पिछले लेख में हमने जाना की Gagan Ji Ka Tilla Kahan Hai और कैसे पहुंचे पर इस लेख में हम Gagan ji ka tilla history in hindi में जानेगे। आखिर इस पहाड़ी का नाम गगन जी का टीला क्यों पड़ा। तो आइए जानते है Gagan ji ka tilla history in hindi ।
Gagan Ji Ka Tilla History in Hindi
प्राचीन शिव मंदिर गगन जी का टीला जिसका इतिहास पांडवों से जुड़ा हुआ है।
मंदिर इतिहास के अनुसार अज्ञातवास काटने से पहले भगवन कृष्ण ने पांडवों से कहा की अज्ञातवास में जाने तुम किसी सुनसान जगह की तलाश कर वहां पर भगवान शिव शंकर जी की पूजा अर्चना करना। तब पांडव भगवान कृष्ण की बनाई बात पर अमल करते हुए सुनसान जगह की तलाश करते हुए इन पहाड़ियों पर पहुंचे।
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वहां पांडवों और द्रोपदी ने भगवान शिव की पूजा की। पूजा से खुश होकर भगवान शिव शंकर उन्हें दर्शन दिए और एक शिवलिंग देकर वरदान दिया की भविष्य यहाँ पर सच्चे मन और श्रद्धा से पूजा अर्चना करेगा उसकी इच्छा पूरी होगी।
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उसके बाद पांडवों और द्रोपदी ने अज्ञातवास शुरू करने के लिए भेस बदल कर दसूहा शहर जिसे उस समय विराट नगर के रूप में जाना जाता था और राजा विराट के दरबार में नौकर बन कर नौकरी की। अपने अज्ञातवास प्रत्येक पूर्णमासी के पांडवों में से कोई न कोई भेस बदल कर इस पहाड़ी पर आकर भगवान् शिव को पूजा करता था।
इस मंदिर का इतिहास कलियुग के समय से भी जुड़ा हुआ है। कहते है की कलियुग के हिमाचल का एक राजा जब यहाँ पहाड़ी नीचे से गुजर रहा था तो उसे पहाड़ी पर दिखाई दिया और राजा ने पहाड़ी के ऊपर जाकर देखा तो वहां पर उसे शिवलिंग दिखाई दिया। राजा के घर कोई औलाद नहीं थी।
उसने वहां पूजा करके भगवान से फरियाद की कि अगर उसके घर औलाद वह पूर्णमासी आकर हवन यज्ञ करवाएगा। कुछ समय पश्चात् राजा के घर लड़की ने जन्म लिया। तब राजा स्थान पर पहुँच कर हवन यज्ञ करवाने के पश्चात लड़की का नाम गगन रखा। तब से यह स्थान गगन के नाम से मशहूर हो गया।
मुख्या शहरों से गगन जी का टीला तक दूरी
City Name | Time & K.M. |
पठानकोट पंजाब से | 1 hr 9 min (52.5 km) via NH 44 |
तलवाड़ा पंजाब से | 34 min (20.5 km) via Talwara Rd |
दसूहा पंजाब से | 27 min (16.2 km) via Hajipur Rd |
मुकेरियां पंजाब से | 28 min (18.5 km) via Mukerian – Talwara |
होशियारपुर पंजाब से | 1 hr 33 min (66.3 km) via NH 503A |
जालंधर पंजाब से | 1 hr 35 min (72.4 km) via NH 44 |
अमृतसर पंजाब से | 2 hr 22 min (114.4 km) via NH54 |
ऊना हिमाचल प्रदेश से | 1 hr 59 min (89.6 km) via NH503 and SH 25 |
ज्वाली हिमाचल प्रदेश से | 1 hr 39 min (62.5 km) via SH 27 |
निष्कर्ष
मित्रों इस लेख मैं हमने जाना की Gagan ji ka tilla history in hindi (गगन जी का टिल्ला इतिहास हिंदी में) और मुख्या शहरों से गगन जी का टीला तक दूरी कितनी है। हमें पूरा विश्वास है की आपको यह जानकारी बहुत अच्छी लगी होगी।
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